Accordion Kya Hai

Accordion

Accordion क्या है

Google ने मनाई Accordion की 195वी बहुत ही शानदार Anniversary
गूगल Accordion का एक विशेष डूडल के साथ बहुत  ही सम्मान करता है  अकॉर्डियन  ने अपनी विशिष्ट धौंकनी और मधुर ध्वनि की सहायता से  दुनिया भर के दिलों और संगीत शैलियों में अपनी विसिष्ट जगह बना ली है।
डूडल  एक बेहद ही  आनंदमय संगीतमय प्रदर्शन था। Google लोगो को Accordion की धौंकनी में बदल दिया गया था, जिसमें पारंपरिक जर्मन पोशाक में एनिमेटेड आकृतियाँ धुनों पर नृत्य कर रही थीं।  अकॉर्डियन  शब्द एक जर्मन शब्द ” Accord ” से लिया गया है जिसका अर्थ  “कॉड ” होता है अकॉर्डियन  को लोक संगीत में इसकी  एक विशेष  स्थायी  लोकप्रियता श्रद्धांजलि को दी गई है )
Accordion

 गूगल डूडल

Google डूडल में बताया गया है की  “1800 के दशक के अंतिम दौर मे , इसकी लोकप्रियता  यूरोप के सभी  लोक संगीतकारों के बीच बढ़ने लगी जिसके कारण  जर्मनी के सभी  निर्माताओं ने अपने Accordion उत्पादन में बढ़ोतरी  की ताकि वो सभी की जरूरतों  को पूरा कर सके । सबसे पहले बनाये गई  अकॉर्डियन  में केवल एक साइड  बटन होते थे, जिनमे  से हर एक  बटन पूरे तार की ध्वनि उत्पन्न करता था। और  अकॉर्डियन  की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की इसमें  एक ही बटन दो तार उत्पन्न करने  की योगयता  रखता था ( एक जब धौंकनी फैल रही थी और दूसरी जब धौंकनी सिकुड़ रही थी।)
Accordion

Accordion का इतिहास

 

Accordion का आविष्कार किसने किया , इस बात का आज तक कोई स्पस्ट उतर  नहीं  मिल पाया है क्योकि बहुत पुराणी बात है । कुछ इतिहासकार बताते है कि यह जर्मनी  के “सी. फ्रेडरिक एल. बुशमैन” ने  1822 में हैंडाओलिन नामक अपने उपकरण का पेटेंट कराया था। अन्य लोगों का मानना है की  वियना में सिरिल डेमियन  ही  इसके पहले  संपादक थे , जिन्हें अपने स्वयं के संस्करण के लिए पेटेंट मिला था, जिसे उन्होंने 1829 में अकॉर्डियन  कहा था और आज तक इसको इसी नाम से जाना जाता है

ब्रिटानिका  ने बताया है की: “ Accordion  का आना सभी  शोधकर्ताओं के बीच एक लड़ाई  का विषय है। कई लोग अकॉर्डियन  के आविष्कारक के रूप में सी. फ्रेडरिक एल. बुशमैन को श्रेय देते हैं, जिनके हैंडाओलिन को 1822 में बर्लिन में पेटेंट कराया गया था, जबकि अन्य वियना के सिरिल डेमियन को गौरव देते हैं, जिन्होंने 1829 में अपने Accordion का पेटेंट कराया था, इस प्रकार यह नाम पड़ा।
दुनिया भर में Accordion की यात्रा 1800 के दशक में अकॉर्डियन  की यात्रा दुनिया भर में  बड़े पैमाने पर यूरोपीय प्रवास को प्रतिबिंबित करती है।

स्टेज म्यूज़िक सेंटर के अनुसार अकॉर्डियन  को विभिन्न देशो के लोग इसको अलग अलग नाम  से पुकारते थे जिनमे से कुछ निचे दिए गए है
इटालियंस ने इसे “फिसरमोनिका” नाम दिया
रूसियों ने इसे “बायन” नाम दिया
चीन ने इसे “सन-फिन-चिन” नाम दिया
पाकिस्तान ने इसे “हारमोनियम” नाम दिया
नॉर्वेजियन इसे “ट्रेक्सपिल” के नाम से जानते थे।

Accordion Types

 

type of Accordion
Google के डूडल के विवरण में अकॉर्डियन  को “लोक संगीतकारों का मुख्य निचोड़” कहा गया है, जो इसकी पोर्टेबिलिटी और उपयोग में आसानी के लिए एक बेहद ही शानदार इशारा है
यह विशेष डूडल  केवल अकॉर्डियन का उत्सव ही नहीं  था, जबकि इसका तो संगीत की दुनिया में एक स्थायी प्रभाव की मान्यता भी थी। जीवंत जिग्स से लेकर भावपूर्ण गाथागीतों तक, अकॉर्डियन की अनूठी ध्वनि कल्पनाओं को आकर्षित करती है और हर जगह दर्शकों को आनंदित करती है।

Google डूडल में बताया गया है की “आज इस वाद्ययंत्र को लोक संगीत, टैंगो,लातीनी पोल्का, काजुन संगीत और बहुत कुछ में सुना जा सकता है! एक  ऐसी घटना भी है  जिसमें Accordionहमेशा मौजूद रहता है और उसको  ओकटेबरफेस्ट के नाम से जाना जाता था । यह जीवंत त्योहार कार्निवल मौज-मस्ती, संगीत और डर्न्डल ड्रेस और लेडरहोसेन जैसे पारंपरिक कपड़ों से भरा है। हाथ में इस मेलोडी मेकर के साथ, सब कुछ योजना के अनुरूप हो जाता है! पारंपरिक ध्वनि 200 साल बाद भी दुनिया भर में जर्मन समारोहों और संगीत को प्रभावित कर रही है।

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